नंगे पांव , गुज़रा था , हौले से , हरे रंग की चुन्नी में लिपटा, साया दिल अज़ीज। नंगे पांव , गुज़रा था , हौले से , हरे रंग की चुन्नी में लिपटा, साया दिल...
इस कविता में चिनार के पत्ते को मोहब्बत की निशानी दिखाई है. एक सूखा हुआ पत्ता जो एक प्यार करने वाले न... इस कविता में चिनार के पत्ते को मोहब्बत की निशानी दिखाई है. एक सूखा हुआ पत्ता जो ...
गर्मी की एक शाम लोड-शेडिंग के कारण गर्मी से निज़ात पाने मैं अपने बरामदे की सीढ़ीयों पर आ कर बैठा ही था... गर्मी की एक शाम लोड-शेडिंग के कारण गर्मी से निज़ात पाने मैं अपने बरामदे की सीढ़ीयो...
सूखे से झूझती एक किसान की स्त्री के मन की हालत सूखे से झूझती एक किसान की स्त्री के मन की हालत
न वृक्ष, न हरियाली है, न ख़ुशबू, न गुलशन, न माली है, न भ्रमर है, ये कैसा है उपवन?' न वृक्ष, न हरियाली है, न ख़ुशबू, न गुलशन, न माली है, न भ्रमर है, ये कैसा है उप...